प्रगाननंदा भारत के युवा ग्रैंडमास्टर हैं। वे अपने खेल से ना केवल बड़े-बड़े गेम्स ही जीते, बल्कि लाखों दिलों को भी जीत चुके हैं। वे 13 साल की उम्र में ही चेस के ग्रैंड मास्टर बन चुके थे।आज के इस आर्टिकल में हम आपको बतानेवाले हैं रमेश बाबू प्रगनाननंदा का जीवन परिचय (Praggnanandhaa biography in Hindi), जन्म, जन्म स्थान, माता, पिता, उम्र, शिक्षा, करियर, सैलरी, परिवार, नेटवर्थ आदि के बारे में। तो आइये चलिए जानते हैं प्रगाननंदा की लाइफ को करीब से और बात करते हैं उनके जीवनी के बारे में।
आर प्रगनाननंदा की बायोग्राफी (R Praggnanandhaa biography in Hindi)
प्रगनाननंदा जीवनी अवलोकन (Praggnanandhaa Biography Overview)
नाम | प्रगनाननंदा |
पूरा नाम | रमेश बाबू प्रगनाननंदा |
बचपन का नाम | प्रगु (दोस्त और कोच उन्हें प्यार से इसी नाम से बुलाते) |
जन्म | 10 अगस्त 2005 |
उम्र | 18 वर्ष |
जन्म स्थान | चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
पिता का नाम | के.रमेश बाबू Ramesh Babu (बैंक अधिकारी) |
माता का नाम | नागलक्ष्मी Nagalakshmi (गृहणी) |
बड़ी बहन | वैशाली रमेश बाबू (शतरंज खिलाड़ी) |
कोच | आर.बी रमेश, एम.ए वेलायुधम शतरंज खिलाड़ी |
पेशा | शतरंज प्लेयर |
प्रसिद्धि | युवा चेस ग्रैंडमास्टर |
धर्म | हिन्दू |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शतरंज की दुनिया में अपना नाम बनाने वाले प्रगाननंदा का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में हुआ था। चेन्नई में जन्मे प्रगाननंदा की उम्र 18 साल है। शतरंज के खेल की तरफ उनकी बहन के शौक के चलते शुरू हुआ था।
प्रगनाननंदा की करियर की शुरुआत (Beginning of Praggnanandha’s career)
मात्र 3 साल की उम्र में ही प्रगाननंदा (Chess player Praggnanandhaa) ने शतरंज सीखना शुरू कर दिया था। वे इस उम्र से ही इस खेल के गुर सीखने लग गए थे। जबकि उनकी बहन को इस खेल को सीखने के पीछे दूसरी वजह थी। दरअसल घरवाले चाहते थे कि वैशाली टीवी पर कार्टून न देखे, इसलिए उन्हें यह खेल सीखाया गया था।
आर प्रगाननंदा के पिता का नाम रमेशबाबू है। उनके माँ का नाम नागलक्ष्मी है। उनके पिता पोलियो जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित थे और वे हमेशा से यह देख रहे थे कि उनकी बेटी का ध्यान कार्टून देखने की तरफ ज्यादा है। इसी कारण उन्होंने वैशाली का ध्यान शतरंज की तरफ मोड़ा। लेकिन तब वे यह नहीं जानते थे कि बहन को शतरंज खेलते देखने के बाद प्रगाननंदा भी शतरंज सीखना शुरू कर देंगे।
इस बारे में उनके पिता कहते हैं कि जब उनकी बेटी के बाद उनके बेटे ने भी शतरंज खेलना शुरू कर दिया, तो उन्हें इस बात से काफी ख़ुशी हुई थी। प्रगाननंदा के माता-पिता इस बात से बेहद खुश थे, कि उनके दोनों बच्चे इस खेल को काफी ध्यान से खेला करते हैं।
जब प्रगाननंदा ने इस खेल को बड़े लेवल पर खेलना शुरू किया तो उनकी माँ नागलक्ष्मी भी दोनों बच्चो के साथ जाया करती हैं। यही नहीं जब वे साथ में नहीं जाती हैं तो घर पर रहकर भी उनके खेल को देखती रहती हैं। उनके पिता कहते हैं कि प्रगाननंदा की माँ हमेशा दोनों बच्चो के खेल का पूरा समर्थन करती हैं। वैशाली के बारे में बताता चलूँ कि वे 21 साल की हैं और वे एक महिला ग्रैंडमास्टर (Woman Grandmaster) बन चुकी हैं।
प्रगनाननंदा परिवार (Praggnanandhaa Family)
ग्रैंडमास्टर प्रगाननंदा के परिवार में उनकी मां, पिता और बहन हैं। उनकी बहन, वैशाली भी एक प्रसिद्ध शतरंज खिलाड़ी हैं। जिनके पास आईएम और वुमन ग्रैंडमास्टर खिताब हैं। प्रगाननंदा के परिवार के अनुसार, शतरंज से उनका परिचय वैशाली को खेलते देखकर हुआ। जब प्रगाननंदा की बहन छोटी थी, तो वह घंटों टेलीविजन देखा करती थी।
उसके माता-पिता चिंतित रहते थे, कि इससे उसकी शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, उन्होंने सोचा कि उसे एक खेल से परिचित कराने से वह बहुत अधिक टेलीविजन देखने से बच जाएगी। वैशाली को शतरंज पसंद आया और इसे खेलना शुरू कर दिया। अपनी बहन को शतरंज का आनंद लेते और खेलते हुए देखकर, प्रगाननंदा को भी शतरंज में गहरी रुचि होने लगी। तब से, दोनों भाई-बहन शतरंज खेल रहे हैं और काफी अच्छा प्रदर्शन भी कर रहे हैं।
प्रगनाननंदा की शिक्षा (Teachings of Pragnanananda)
आर प्प्रगाननंदा वेलाम्मल मेन कैंपस में पढ़ रहे थे। प्रगाननंदा अब 18 साल के हो चुके हैं। प्रगाननंदा के पिता के मुताबिक वह पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं। लेकिन उनका मुख्य ध्यान शतरंज पर रहता है।
फ़िलहाल अपने शतरंज करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रगाननंदा ने अपनी शिक्षा को स्थगित कर दिया है। वर्तमान में वे फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चेस द्वारा संचालित एक विशेष शतरंज स्कूल में पार्टिसिपेट कर रहे हैं। यह स्कूल उन्हें अपनी शतरंज कौशल को बेहतर बनानेमें मदद कर रहा है। और विश्व चैंपियन बनने के सपने को हासिल करने में मदद कर रहा है।
प्रगाननंदा एक प्रतिभाशाली छात्र हैं। उन्होंने अपनी शतरंज प्रतिभा को निखारने के लिए बहुत कड़ी मेहनत की है। वे एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं। उनकी कहानी दुनिया भर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।
आर बी रमेश प्रगाननंदा के कोच हैं। प्रगाननंदा कोच के द्वारा आयोजित साप्ताहिक शतरंज शिविरों में भी भाग लेते हैं। अपने शतरंज कौशल को बढ़ाने के लिए प्रगाननंदा ऑनलाइन शतरंज टूर्नामेंट देखते हैं। वे दुनिया के प्रमुख शतरंज खिलाड़ियों के मैच देखते हैं और इन मैचों से सीखते रहते हैं।
प्रगनाननंदा शारीरिक लुक (Praggnananda Physical Look)
वजन | 48 किलो |
लम्बाई | 137 सेमी |
रंग | सांवला |
चेहरा | लम्बा |
बालो का रंग | काला |
आँखों का रंग | काला |
प्रगनाननंदा आयु (Praggnanandhaa Age)
प्रगनाननंदा का जन्म 10 अगस्त 2005 को चेन्नई में हुआ था। प्रगनाननंदा वर्तमान में 18 साल के हो चुके हैं। बहुत कम उम्र में ही अपनी बहन को शतरंज खेलते हुए देखने के बाद प्रगनाननंदा को शतरंज में रुचि हो गई थी। Praggnanandhaa biography in Hindi का ओवरव्यू ऊपर भी देख सकते हैं। प्रज्ञानानंद जीवनी अवलोकन (Praggnanandhaa Biography Overview)
प्रगनाननंदा का शौक (Pragnanananda’s hobby)
प्रगनाननंदा को शतरंज के अलावा क्रिकेट का भी शौक हैं। मौका मिलने पर वो क्रिकेट मैच खेलने भी चले जाते हैं। हालांकि, शतरंज में करियर बनाने के चलते उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर कोई उपलब्धि नहीं हासिल कर पायी है। लेकिन, उन्हें क्रिकेट खेलने और क्रिकेट मैच देखने का शौक है।
प्रगनाननंदा का करियर (Career of Pragnanananda)
प्रगनाननंदा और उनकी बहन बचपन से ही कार्टून बहुत ज्यादा देखते थे, जिसके चलते उनके पिता ने उन दोनों को कार्टून देखने की आदत छुड़ाने के लिए अपने पास के शतरंज अकैडमी में दाखिला करा दिया। उस समय इनकी उम्र महज 5 साल की थी। इन दोनों भाई बहनों ने एम.ए वेलायुधम से शतरंज की बारीकियां सीखी हैं। इसके बाद से ही दोनों भाई बहन शतरंज में पूरी तरह निपुण होते चले गए। इनके कोच मशहूर शतरंज खिलाड़ी आर.बी रमेश हैं। प्रगनाननंदा विश्वनाथनआनंद को अपना आदर्श मानते हैं।
प्रगनाननंदा छोटी उम्र से ही शतरंज खेलने लग गए थे। इन्होने जून 2018 लियोन मास्टर्स टूर्नामेंट में, विश्व शतरंज में सातवें नंबर के खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर वेस्ले सो के साथ 4 मैच का रैपिड गेम खेला। और इस अनुभवी खिलाड़ी को पहले गेम में ही हरा दिया। लेकिन वेस्ले ने अनुभव का लाभ उठाकर प्रगनाननंदा को हराकर मैच जीतने में सफल हो गए। प्रगनाननंदा की एक खास बात है ,कि वह मैच हारने के बाद भी मुस्कुराते रहते हैं।
नीदरलैंड्स में शाकविक एपेलडूर्न टूर्नामेंट में इन्होंने ग्रैंड मास्टर टाइटल हासिल कर इतिहास रचने के इरादे के साथ हिस्सा लिया था। लेकिन वह 9 में से 6 गेम हार गए। फिर भी टूर्नामेंट में चौथी वरीयता के खिलाड़ी होने के बावजूद वह लास्ट में अंत से दूसरे स्थान पर रहे। इसके बाद इटली के छोटे से शहर ओर्तिसेइ में ग्रेडीने ओपन में खेलने के लिए गए। और इस बार शानदार प्रदर्शन करते हुए दूसरा स्थान हासिल करते हुए ग्रैंड मास्टर बनकर इतिहास रच दिया।
इन्होंने वर्ष 2013 में 7 वर्ष की उम्र में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप का अंडर-8 खिताब जीतकर फिडे मास्टर की उपाधि हासिल की। उसके बाद 2015 में वर्ल्ड यूथ चेस चैंपियनशिप का अंडर -10 का खिताब भी हासिल किया। वर्ष 2016 में रमेश10 वर्ष ,10 माह ,19 दिन की उम्र में शतरंज के इतिहास के सबसे कम उम्र के ग्रैंड मास्टर बने थे।
2017 नवंबर माह में विश्व जूनियर शतरंज चैंपियनशिप में प्रगनाननंदा ने पहला ग्रैंडमास्टर नॉर्म हासिल किया। उसके बाद 17 अप्रैल 2018 को इन्होंने ग्रीस में हैराक्लियोन फिशर मेमोरियल जीएम नॉर्म टूर्नामेंट में दूसरा ग्रैंडमास्टर नॉर्म प्राप्त किया। जून 2018 को प्रगनाननंदा ने ग्रेडीने ओपन में लुका मोरोनी को हराकर तीसरा जीएम नॉर्म प्राप्त किया। इस प्रकार, ग्रैंड मास्टर बनने वाले यह विश्व के दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।
जुलाई 2019 में इन्होंने डेनमार्क में एक्स्ट्राकॉन शतरंज ओपन जीता। 12 अक्टूबर 2019 को इन्होंने अंडर-18 टीम में विश्व युवा चैंपियनशिप जीती। उसके बाद दिसंबर 2019 में वे 2600 की रेटिंग हासिल करने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाडी बन गए। उस समय वे महज 14 साल 3 महीने और 24 दिन के थे।
प्रगनाननंदा ने शतरंज विश्व कप 2021 में 90वीं वरीयता प्राप्त करके प्रवेश किया। उन्होंने 2022 में शतरंज वर्ल्ड कप जीता, जो उन्हें विश्व चैंपियन मैच के लिए योग्य बनाता है। Praggnanandhaa biography in Hindi का ओवरव्यू ऊपर भी देख सकते हैं। प्रज्ञानानंद जीवनी अवलोकन (Praggnanandhaa Biography Overview)
प्रगनाननंदा की उपलब्धियाँ (Achievements of Pragnanananda)
- भारत के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर (12 साल 8 महीने)
- दुनिया के दूसरे सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर (12 साल 10 महीने)
- 2013 – फीड मास्टर Fide Master
- 2016 – इंटरनेशनल मास्टर International Master
- 2018 – ग्रैंड मास्टर Grandmaster
- 2023 – वर्ल्ड रैंकिंग 29 World Ranking
- 2019 का ग्रैंड स्लैम फाइनल विजेता बने
- 2022 का शतरंज वर्ल्ड कप विजेता बने
- 2022 में फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन चेस द्वारा “द ईयर ऑफ़ द प्लेयर” के रूप में सम्मानित हुए
- अधिक जानकारी के लिए (For more information) :- ratings.fide.com/profile/25059530
प्रगनाननंदा दुनिया के शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों में से एक बनने की क्षमता रखते हैं। वे एक प्रेरणादायक शतरंज खिलाड़ी हैं जो भारत के लिए बड़े ही गर्व की बात है। और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे भविष्य में क्या हासिल करते हैं।
ग्रैंडमास्टर प्रगनाननंदा के सोशल मिडिया हेंडल (Praggnanandhaa’s Social Media Handles)
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प्रगनाननंदा की कुल संपत्ति (net worth of Praganananda)
इनकम | 8 लाख |
नेट वर्थ | 1.5 करोड़ |
आशा करता हूँ कि आप इस आर्टिकल में रमेश बाबू प्रगनानंद का जीवन परिचय (Praggnanandhaa biography in Hindi), जन्म, जन्म स्थान, माता, पिता, उम्र, शिक्षा, करियर, सैलरी, परिवार, नेटवर्थ आदि के बारे में जान पाए होंगे। अगर कुछ छूट गया हो तो मार्गदर्शन करें। आपके विचारो का स्वागत करता हूँ। धन्यवाद।
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